लेखन कला और शहरी जीवन
शहरी जीवन की शुरुआत मेसोपोटामिया में हुई थी (Exphrates) और (Tigris) नदियों के बीच स्थित यह प्रदेश आजकल इराक गणराज्य का हिस्सा है। की सम्पत अपनी संपन्नता, शहरी जीवन, विशाल एवं समृद्ध साहित्य, गणित और खगोलविद्या के लिए प्रसिद्ध है। मेोपमया को लेखन प्रणाली और उसका साहित्य पूर्वी भूमध्यसागरीय प्रदेश और उत्तरी सीरिया तथा तुर्की में 2000 ई.पू. के बाद फैला, जिसके फलस्वरूप उस समस्त क्षेत्र के राज्यों के बीच आपस में, यहाँ तक कि मिस्र के फ़ो (Pharash) के साथ भी की भाषा और लिपि में लिखा पढ़ी होने लगी। हाँ हम शहरी जीवन और लेखन के बीच के संबंधों को करने का प्रयत्न करेंगे और फिर यह जानना लेखनको प्रतिफल प्राप्त हुए।
अभिलिखित इतिहास के आरंभिक काल में इस प्रदेशको मुख्यतः इसके शहरीकृत दक्षिणी भाग को (नीचे विवरण देखें) सुमेर (Sumer और अकद (Akkad कहा जाता था। 2000 ई.पू. के बाद जब बेबीलोन एक महत्त्वपूर्ण शहर बन गया तब दक्षिणी क्षेत्र को बेबीलोनिया कहा जाने लगा। लगभग 1100 ई.पू. से, जब असीरियाइयों ने उत्तर में अपना राज्य स्थापित कर लिया, तब उस क्षेत्रको असीरिया (Assyria) कहा जाने लगा उस प्रदेश की प्रथम ज्ञात भाषा सुमेरियन यानी सुमेरी थी। धीरे-धीरे 2400 ई.पू. के आसपास जब अकदी भाषी लोग यहाँ आ गए तब अक्कदी ने सुमेरी भाषा का स्थान से लिया। दी भाषा सिकंदर के समय (336-323 ई.पू.) तक कुछ क्षेत्रीय परिवर्तनों के साथ फलती-फूलती रही 1400 ई.पू. से धीरे-धीरे अमादक (Aramaic) भाषा का भी प्रवेश शुरू हुआ। यह भाषा से मिलती-जुलती थी और 1000 ई.पू. के बाद व्यापक रूप से बोली जाने लगी थी। यह आज भी इराक के कुछ भागों में बोली जाती है।
समय में पुरा की शुरुआत 1540 में हुई एका दोस्तों पर जैसे उसक और भारी में जिन पर आगे चर्चा करेंगे) उत्खनन कार्य कई तकरार में किसी भी स्थल पर इससे खुद की कोई परियोजना नहीं चली। इन पायों के फलस्वरूप आज हम इतिहास के स्रोतों के रूप में सैकड़ों की संख्या में इमारती मूर्तियों, आभूषणों को औरों और मुद्राओं का ही नहीं बल्कि हजारों की संख्या में लिखित दस्तावेजों का भी अध्ययन कर सकती है। यूरोपपासियों के लिए मेसोपोटामिया इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि भाई के प्रथम भाग अल्ड टेस्टामेंट में इसका उल्लेख कई संदर्भ में किया गया है। उदाहरण के लिए, ओल्ड टेस्टामेटी ऑफ जेनेसिस' (Book of Genesis) में शिमर' (shimur) का है जिसका तात्पर्य अर्थात् सुमेर ईंटों से बने शहरों की भूमि से है। यूरोप के यात्री औरा को एक तरह से अपने पूर्व की भूमि मानी थे और ज
इस क्षेत्र में पुरातत्वीय खोज की शुरुआत हुई तो ओल्ड टेस्टामेट के असत्य की
सिद्ध करने का प्रया
सदी के मध्य के अतीत को खोजे जाने के उत्साह में करी कोई कमी नहीं आई। सन 1873 में एक ब्रिटिश सामाचार-पत्र में ब्रिटिश म्यूजियम द्वारा
2022-23
*मेसोपोटामिया नाम यूनानी भाषा के दो शब्दों सांस (Mesos) पानी मध्य और पोर्टमोस (Potamos) यानी नदी से मिलकर बना है। इसलिए 'मेसोपोटामिया शब्द दला फ़रात नदियों के बाँच की ऊपजाऊ धरती को इंगित करता है।
30 विश्व इतिहास के कुछ विषय
आरंभ किए गए अभियान का खर्च उठाया जिसके अंतर्गत सोया में एक ऐसी पट्टिका (Tablet) की खोज की जानी थी जिसपर बात में उल्लिखित जलप्लावन (Flood) की कहानी का अंकन था।
बाईबल के अनुसार यह जलप्लावन पृथ्वी पर संपूर्ण जीवन को नष्ट करने वाला था। किंतु परमेश्वर ने जलप्लावन के बाद भी जीवन को पृथ्वी पर सुरक्षित रखने के लिए नोआ (Nach) नाम के एक मनुष्य को चुना। नोआ ने एक बहुत विशाल नाव बनायी और उसमें सभी जीव-जंतुओं का एक-एक जोड़ा रख लिया और जब जन हुआ तो बाकी सब कुछ नष्ट हो गया पर नाव में रखे सभी जोड़े सुरक्षित बच गए। ऐसी ही एक कहानी मेसोपोटामिया के परंपरागत साहित्य में भी मिलती है इस कहानी के मुख्य पात्र को 'जिउसूद्र' (Ziumudra) या
'उत्तनापिष्टिम' (Utmapishtim) कहा
मानचित्र पश्चिम एशिया
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1960 के दशक तक यह था कि ओल्ड टेस्टामेंट की कहानियों अक्षर सही नहीं है लेकिन ये इतिहास में हुए महत्वपूर्ण परिवर्तनों के अतीत को अपने ढंग से करती है। धीरे-धीरे पुरावस्थिक तकनीके अधिकाधिक उन्नत और परिष्कृत गई। इसके अलावा पर दिया जला हाँकि आम लोगों के जीवन को भी परिकल्पना की जाने लगी बाई की कहानियों की अ साई को प्रमाणित करने का कार्य गी हो गया। आगे के अनुभागों में हम जिस पर चर्चा करेंगे उनमें से अधिकांश इन पर अध्ययन पर आधारित है। publish
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