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Jharkhand's Famous Toppers.

  Jharkhand's Famous Toppers. Some of the toppers of Jharkhand Here are some of the toppers from Jharkhand in various fields: Nitish Kumar - Nitish Kumar is a well-known politician and the current Chief Minister of Bihar. He was born in Bakhtiarpur, Bihar, which was then a part of undivided Jharkhand. Dipika Kumari - Dipika Kumari is a top-ranked Indian archer who hails from Ranchi, Jharkhand. She is a former World No. 1 and has won several medals in international archery tournaments. Mahendra Singh Dhoni - Mahendra Singh Dhoni is a former Indian cricket team captain and one of the greatest cricketing legends from Jharkhand. He was born in Ranchi and has led India to win several major cricketing titles. Anamika Ray - Anamika Ray is an Indian civil servant who hails from Jharkhand. She secured the first rank in the prestigious UPSC Civil Services Examination in 2018. Pooja Kadian - Pooja Kadian is a taekwondo player from Jhajjar, Haryana, who now lives and trains in Jharkhand. She h...

History. आधुनिकीकरण के रास्ते

  आधुनिकीकरण के रास्ते उन्नीसवीं सदी की शुरुआत में चीन का पूर्वी एशिया पर प्रभुत्व था। लंबी परंपरा के वारिस छींग राजवंश की सत्ता अक्षुण्ण जान पड़ती थी, जबकि नन्हा सा द्वीप देश जापान अलग-थलग पड़ा हुआ प्रतीत होता था। इसके बावजूद, कुछ ही दशकों के भीतर चीन अशांति की गिरफ़्त में आ गया और औपनिवेशिक चुनौती का सामना नहीं कर पाया। छींग राजवंश के हाथ से राजनीतिक नियंत्रण जाता रहा, वह कारगर सुधार करने में असफल रहा और देश गृहयुद्ध की लपटों में आ गया। दूसरी ओर जापान एक आधुनिक राष्ट्र-राज्य के निर्माण में, औद्योगिक अर्थतंत्र की रचना में और यहाँ तक कि ताइवान (1895) तथा कोरिया (1910) को अपने में मिलाते हुए एक औपनिवेशिक साम्राज्य कायम करने में सफल रहा। उसने अपनी संस्कृति और अपने आदर्शों की स्रोत भूमि चीन को 1894 में हराया और 1905 में रूस जैसी यूरोपीय शक्ति को पराजित करने में कामयाब रहा। चीनियों की प्रतिक्रिया धीमी रही और उनके सामने कई कठिनाइयाँ आईं। आधुनिक दुनिया का सामना करने के लिए उन्होंने अपनी परंपराओं को पुनः परिभाषित करने का प्रयास किया। साथ ही अपनी राष्ट्र-शक्ति का पुनर्निर्माण करने और पश्चिम...

Class 11th history मूल निवासियों का विस्थापन

  मूल निवासियों का विस्थापन इस अध्याय में अमरीका और ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों के इतिहास के कुछ पहलू पेश किए गए हैं। विषय में हमने दक्षिण अमरीका में स्पेनी और पुर्तगाली औपनिवेशीकरण के इतिहास की झांकी देखी थी। 18 से दक्षिणी अमरीका के और भी हिस्सों में, तथा मध्य, उत्तरी अमरीका, दक्षिणी अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड के इलाकों में यूरोप से आए आप्रवासी बसने लगे। इस प्रक्रिया ने वहाँ के बहुत से मूल निवासियों को दूसरे इलाकों में जाने पर मजबूर किया। यूरोपीय लोगों की ऐसी बस्तियों को 'कॉलोनी' उपनिवेश) कहा जाता था जब यूरोप से आए इन उपनिवेशों के पारिदि यूरोपीय 'मातृदेश से स्वतंत्र हो गए, जो उन्हें 'राज्य' या देश का दर्जा हासिल हो गया। 190 और 20वीं सदी में एशियाई देशों के लोग भी इनमें से कुछ देशों में आ बसे। आज यूरोपीय और एशियाई लोग इन देशों में बहुसंख्यक हैं, और वहाँ के मूल निवासियों की संख्या कम रह गई है। वे शहरों में मुश्किल से ही नज़र आते हैं, और लोग भूल गए हैं कि कभी देश का अधिकतर हिस्सा उन्हीं के कर्ज में था, और यह भी कि कई नदियों, शहरों इत्यादि के नाम 'देसी...

Class 11th ncert books औद्योगिक क्रांति📚

औद्योगिक क्रांति आधुनिकीकरण के रास्ते मूल निवासियों का विस्थापन आधुनिकीकरण की ओर दुनिया को जोड़ना 1927 में 25 वर्षीय चार्ल्स लिंडबर्ग की एक इंजन वाले हवाई जहाज में अटलांटिक महासागर की पार करते हुए न्यूयार्क से पैरिस, की यात्रा पि छले भाग में आपने मध्यकालीन और प्रारम्भिक आधुनिक विश्व की कुछ महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक प्रक्रियाओं का अध्ययन किया सामंतवाद, यूरोपीय पुनर्जागरण और यूरोप - तथा अमरीका के बीच सम्पर्क अथवा टकरावा जैसा कि आप समझ गये होंगे, आधुनिक विश्व को बनाने में जिन घटनाओं का योगदान रहा वे इसी समय हुई खासतौर से 15वीं शताब्दी के मध्य से विश्व इतिहास के दो अन्य परिवर्तनों ने ऐसी जमीन तैयार की जिसे 'आधुनिकीकरण' कहा गया। यह थे औद्योगिक क्रांति और राजनीतिक क्रांतियों की लड़ी जिसने प्रजा को नागरिक में तब्दील कर दिया। इन राजनीतिक क्रांतियों की शुरुआत अमरीकी क्रांति (1776-81) और फ्रांसीसी क्रांति (1789-94) से हुई। hed ब्रिटेन दुनिया का पहला औद्योगिक राष्ट्र रहा है। विषय 9 में आप इसका अध्ययन करेंगे कि ऐसा कैसे और क्यों हुआ। लंबे अरसे से यह समझा जाता था कि ब्रिटेन के औद्योगीकरण ने दूसर...

Ncert books 📚संस्कृतियों का टकराव

  संस्कृतियों का टकराव इस अध्याय में पंद्रहवा से शाब्दियों के दौरान यूरोप और उत्तरी तथा दक्षिण अमरीका के मूल निवासियों के बीच हुए संघर्ष के कुछ पहलुओं पर विचार किया जाएगा। इस अवधि में यूरोपवासियों ने ऐसे देशों के व्यापारिक भागों की खोज के लिए अज्ञात महासागरों में साहसपूर्ण अभियान किये जहाँ से वे चाँदी और मसाले प्राप्त कर सकते थे। इस काम को सर्वप्रथम स्पेन और पुर्तगाल के निवासियों ने शुरू किया। उन्होंने पोप से उन प्रदेशों पर शासन करने का अनन्य अधिकार प्राप्त कर लिया जिन्हें वे भविष्य में खोजेंगे। स्पेन के शासकों के तत्वावधान में इटली निवासी क्रिस्टोफर कोलंबस 1492 में पूर्व की और यात्रा करते-करते, जिन प्रदेशों में पहुंचा उन्हें उसने इंडीज' (भारत और भारत के पूर्व में स्थित देश, जिनके बारे में उसनेमाको पोलो Marco Fola के में परखा था समझा बाद में हुई खोजों से पता चला कि 'नयी दुनिया' के 'इंडियन' वास्तव में भारतीय नहीं बल्कि अलग संस्कृतियों के लोग थे और वे जहाँ रहते थे वह एशिया का हिस्सा नहीं था। उस समय उत्तरी दक्षिण अमरीका में दो तरह की संस्कृतियों के लोग रहते थे- एक और क...

Ncert books 📚बदलती हुई सांस्कृतिक परंपराएँ

  बदलती हुई सांस्कृतिक परंपराएँ शताब्दी से वीं शताब्दी के अंत तक यूरोप के अनेक देशों में नगरों की संख्या बढ़ रही थी। एक विशेष प्रकार की 'नगरीय-संस्कृति विकसित हो रही थी। नगर के लोग अब यह सोचने लगे थे कि वे गाँव के लोगों से अधिक 'सभ्य' हैं। नगर खासकर फ़्लोरेंस, वेनिस और रोम- कला और विद्या के केंद्र बन गए। नगरों को राजाओं और चर्च से थोड़ी बहुत स्वायत्तता (autonomy) मिली थी। नगर कला और ज्ञान के केन्द्र बन गए। अमीर और अभिजात वर्ग के लोग कलाकारों और लेखकों के आश्रयदाता थे। इसी समय मुद्रण के आविष्कार से अनेक लोगों को चाहे वह दूर-दरात नगरों या देशों में रह रहे हो हुई पुस्तकें उपलब्ध होने लगीं। यूरोप में इतिहास की समझ विकसित होने लगी और लोग अपने 'आधुनिक विश्व' की तुलना यूनानी व रोमन 'प्राचीन दुनिया' से करने लगे थे। अब यह माना जाने लगा कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी इच्छानुसार अपना धर्म चुन सकता है। चर्च के, पृथ्वी के केंद्र संबंधी विश्वासों को वैज्ञानिकों ने गलत सिद्ध कर दिया चूंकि सौरमंडल को समझने लगे थे। नवीन भौगोलिक ज्ञान ने इस विचार को उलट दिया कि भूमध्यसागर विश्व का ...

Ncert books 📚तीन वर्ग

  तीन वर्ग हमने देखा है कि नौवीं सदी तक कैसे एशिया और यूरोप के अधिकांश भागों में विशाल साम्राज्यों का विकास और विस्तार हुआ। इन साम्राज्यों में से कुछ पायावरों के थे, कुछ विकसित शहरों और उन शहरों के व्यापारी तंत्रों पर आधारित थे। मकदूनिया, रोम, अरब साम्राज्य, मंगोल साम्राज्य और उनसे पूर्व आने वाले साम्राज्यों (मिस्र, असीरिया, चीनी और मीर्य) में यह अंतर था कि यहाँ दिए गए पहले चार साम्राज्य विस्तृत क्षेत्रों में फैले हुए थे और महाद्वीपीय एवं पारमहाद्वीपीय स्वरूप के थे। ह जो कुछ हुआ उसमें विभिन्न सांस्कृतिक टकरावों की भूमिका निर्णायक थी। साम्राज्यों का उदय प्रायः अचानक होता था परन्तु वे हमेशा उन बदलावों के परिणाम थे जो साम्राज्य निर्माण की दिशा में लंबे समय से उन मूल क्षेत्रों में निहित थे जहाँ से ये साम्राज्य फैलने लगे। विश्व इतिहास में परंपराएँ विभिन्न तरीका से बदल सकती हैं। पश्चिमी यूरोप में नौवों से सत्रहवीं सदी के मध्य ऐसा बहुत कुछ धीरे-धीरे विकसित हुआ जिसे हम 'आधुनिक समय' के साथ जोड़कर देखते हैं। इन कारकों में धार्मिक विश्वासों पर आधारित होने की अपेक्षा प्रयोगों पर आधारित वैज...